कविता लिखी नहीं जाती,स्वतः लिख जाती है…

Sunday 29 January, 2012

जन्म दिन कैसे मनाया जाए

बहुत ही साधारण सा सवाल है किंतु जवाब अनेकानेक हैं। बच्चों का जन्म दिन तो प्रायः सभी एक ही तरह से मनाते हैं। पार्टी करी,केक काटा,गिफ्ट मिले,रिटर्न गिफ्ट दिये और हाँ सबसे बड़ी बात कि आज बच्चे का जन्म दिन है तो कोई उसे डांटेगा नहीं और इस तरह से मना लिया जन्म दिन…
अब बात हम अपनी करते हैं शायद आप सभी को ये महसूस हुआ हो कभी कि आज आप का जन्म दिन है
और सुबह से ही प्रेम पगे,शुभकामनाओं भरे फोन आपको आ रहे हैं और उनके साथ ही ये सवाल भी कि आज का क्या प्रोग्राम है? कुछ सुझाव भी मिलते हैं कि अरे भई आज तो घूमों फिरो,शॉपिग करो,पिक्चर जाओ आदि अनेकानेक सुझाव!और आप जिसका कि जन्म दिन है उसे ही समझ नहीं आ रहा कि आखिर किया क्या जाये।
सभी व्यस्त हैं और आपको घूमने-फिरने के लिये कह रहे हैं परन्तु कोई उनसे पूछे कि किसके साथ…
अंततः होता यही है कि कुछ अलग करने की चाह में आप अपना सबसे खास दिन एक आम दिन से भी ज़्यादा आम बना देते हैं। सभी करीबी इतने व्यस्त हैं कि आपको सिवाय सुझावों के कुछ पल भी देना उनके बस में नहीं। हाँ फेस बुक पर आपकी वॉल ज़रूर भरी मिलेगी वो भी बंडल के बंडल शुभकामनायें…
फेस बुक का सबसे बड़ा फायदा तो यही है कि आप किसी का जन्म दिन भूलेंगे नहीं चाहे वो आपका मित्र हो या नहीं बस आपके फेस बुक पर होना चाहिये। कभी-कभी जन्म दिन आने से पहले यह सोचना पड़ता है कि लोगों के सुझावों का अनुसरण कैसे किया जायेगा क्योंकि आखिर आपका जन्म दिन है जिस दिन सिवाय सुझावों के आप तन्हां ही होंगे और बाकी सभी लोग व्यस्त…

गस्त 24, 2011
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