“वो ठण्डी हवा के साथ कुछ बूँदें बारिश की
अलसाई हुई रात, सजी है दु्ल्हन सी
वो तसव्वुर में उतरा एक चेहरा,
जो समाया है मन में,कहीं दिखा तो नहीं।”
दिसम्बर 5, 2011
अलसाई हुई रात, सजी है दु्ल्हन सी
वो तसव्वुर में उतरा एक चेहरा,
जो समाया है मन में,कहीं दिखा तो नहीं।”
दिसम्बर 5, 2011
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