“हम ही हम हैं तुम्ही तुम हो
वही दुनिया वही गम हैं
हमें क्या फ़िक्र जमाने की
हम ही तुम हो तुम्ही हम हैं”
“इश्क करने की वजह न पूछो कोई हमसे
बिना किसी वजह इश्क करते हैं हम
नफ़ा नुकसान का ये सौदा नहीं
फ़ेर है नज़र का,ऐतबार करते हैं हम”
अक्टूबर 19, 2011
वही दुनिया वही गम हैं
हमें क्या फ़िक्र जमाने की
हम ही तुम हो तुम्ही हम हैं”
“इश्क करने की वजह न पूछो कोई हमसे
बिना किसी वजह इश्क करते हैं हम
नफ़ा नुकसान का ये सौदा नहीं
फ़ेर है नज़र का,ऐतबार करते हैं हम”
अक्टूबर 19, 2011
No comments:
Post a Comment